रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने गुरुवार को पश्चिमी देशों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे भारत और चीन को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इसे ‘डिवाइड एंड रूल’ यानी ‘फूट डालो और राज करो’ की रणनीति करार दिया। लावरोव ने यह बयान मॉस्को में ‘सीमाओं के बिना संस्कृति: सांस्कृतिक कूटनीति की भूमिका और विकास’ विषय पर आयोजित डिप्लोमैटिक क्लब की बैठक में दिया।
लावरोव ने कहा, “एशिया-प्रशांत क्षेत्र के हालिया घटनाक्रमों पर गौर करें, जिसे पश्चिम ने अपनी नीति को स्पष्ट रूप से चीन विरोधी रुझान देने के लिए ‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र’ कहना शुरू कर दिया है—इस उम्मीद के साथ कि इससे हमारे महान मित्रों और पड़ोसी देशों भारत व चीन के बीच टकराव पैदा किया जा सकेगा।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिमी देश ASEAN (दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) की केंद्रीय भूमिका को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। लावरोव ने कहा, “पश्चिमी सहयोगी दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह यहां भी प्रभावशाली भूमिका में आना चाहते हैं। वे ASEAN की केंद्रीय भूमिका को कमजोर करना चाहते हैं, जो कई दशकों से सभी के लिए अनुकूल थी और जो ASEAN देशों और उनके सहयोगियों की ओर से राजनीति, सैन्य सहयोग और रक्षा के क्षेत्र में बातचीत में कायम एकमत पर आधारित थी।”
रूसी विदेश मंत्री ने यूरेशिया में सामूहिक सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा, “यूरेशिया जैसा कोई दूसरा महाद्वीप नहीं है, जहां इतनी सारी सभ्यताएं एक साथ रहती हैं और जिन्होंने आधुनिक युग में भी अपनी पहचान एवं प्रासंगिकता बनाए रखी है। हालांकि, यूरेशिया एकमात्र ऐसा महाद्वीप भी है, जहां कोई महाद्वीप-व्यापी मंच नहीं है। यूरेशिया में इस तरह के एकीकृत मंच की जरूरत है, ताकि कई बड़ी, वास्तव में महान शक्तियों और सभ्यताओं के हितों में सामंजस्य स्थापित किया जा सके।”