भागलपुर जिले के नाथनगर विधानसभा अंतर्गत बिहारीपुर गांव में पिछले 5 दिनों से सर्विस रोड निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों का शांतिपूर्ण धरना जारी था। लेकिन बुधवार सुबह प्रशासन ने आंदोलन स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर तंबू और प्रदर्शन स्थल को जबरन हटवा दिया। इस कार्रवाई से ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया और उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा चल रहे निर्माण कार्य को रोक दिया।
स्थिति तनावपूर्ण होते देख प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। जनविरोध के बढ़ते दबाव को देखते हुए अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से एक अस्थाई मिट्टी की सड़क का निर्माण शुरू करवा दिया, ताकि स्थिति को शांत किया जा सके।
ग्रामीणों का आरोप – पुलिस ने महिलाओं से की धक्का-मुक्की, प्रशासन कर रहा अनदेखी

आंदोलन कर रहे ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस बल ने महिलाओं और बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार किया और धरना स्थल से जबरन हटाया। ग्रामीणों ने बताया कि वे अपनी समस्याओं को लेकर जिला अधिकारी (DM) तक गए, लेकिन उनकी बातें नहीं सुनी गईं। एक महिला ने कहा,
“अगर समय पर सर्विस रोड नहीं बनी, तो मानसून में पूरा गांव पानी में डूब जाएगा। आपातकालीन परिस्थिति में हमें नाव से बाहर जाना पड़ेगा, जिससे जान-माल दोनों का खतरा बना रहेगा।”
ग्रामीणों ने अपने स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर भी गहरा असंतोष जताया। उनका कहना है कि आंदोलन को पांच दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक कोई भी विधायक या पंचायत प्रतिनिधि उनसे मिलने तक नहीं आए।
“हम जिनको चुनकर भेजते हैं, वही हमारी आवाज नहीं सुन रहे। हम अकेले हैं — लेकिन हमारी लड़ाई जारी रहेगी,” एक बुजुर्ग ग्रामीण ने कहा।
जनप्रतिनिधियों पर भी बरसे ग्रामीण: ‘हमारी लड़ाई में कोई साथ नहीं आया’
ग्रामीणों ने अपने स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर भी गहरा असंतोष जताया। उनका कहना है कि आंदोलन को पांच दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक कोई भी विधायक या पंचायत प्रतिनिधि उनसे मिलने तक नहीं आए।

“हम जिनको चुनकर भेजते हैं, वही हमारी आवाज नहीं सुन रहे। हम अकेले हैं — लेकिन हमारी लड़ाई जारी रहेगी,” एक बुजुर्ग ग्रामीण ने कहा।
समाजसेवी आशीष मंडल बने ग्रामीणों की आवाज, आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर डटे
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान समाजसेवी आशीष मंडल लगातार पांच दिनों से ग्रामीणों के साथ धरना स्थल पर मौजूद हैं। उन्होंने प्रशासन से स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब तक सर्विस रोड निर्माण की मांग नहीं मानी जाती, तब तक यह आंदोलन चलता रहेगा।

आशीष मंडल ने ग्रामीणों को कानूनी मदद का भरोसा भी दिलाया और कहा:
“यह सिर्फ एक सड़क की लड़ाई नहीं है, यह आपके हक और सम्मान की लड़ाई है। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, हम पीछे नहीं हटेंगे।”
उनकी मौजूदगी से ग्रामीणों में एक नई ऊर्जा और विश्वास देखा गया।
पृष्ठभूमि और भविष्य की चिंता

बिहारीपुर गांव राष्ट्रीय राजमार्ग-80 के पास स्थित है, लेकिन सर्विस रोड न होने के कारण हर वर्ष बरसात में गांव का संपर्क टूट जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर स्थायी समाधान नहीं हुआ तो इस बार आंदोलन और तेज किया जाएगा।
अब देखना यह है कि प्रशासन इस जनआंदोलन के दबाव में कब तक स्थायी समाधान की घोषणा करता है, या यह आंदोलन और बड़ा रूप ले लेता है।
Report by Dev Banerjee
