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बिहार का एक गांव जो बाढ़ से नहीं, लापरवाह सिस्टम से लड़ रहा है

भागलपुर, बिहार

नाथनगर विधानसभा क्षेत्र का बिहारीपुर गांव आज भी अपनी बुनियादी जरूरतों को लेकर सड़क पर बैठा है। सर्विस रोड की मांग को लेकर आज लगातार चौथे दिन भी गांव के लोग अनशन पर बैठे दिखे। गांव की गलियों में नारे गूंज रहे थे, और महिलाओं-बच्चों के हाथों में पोस्टर थे जिन पर साफ-साफ लिखा था—“We want service road.”

बुनियादी ज़रूरत को लेकर उठ रही बुलंद आवाज़

बिहारीपुर गांव हर साल बाढ़ की चपेट में आ जाता है। गांव के बुजुर्गों और महिलाओं से बात करने पर यह साफ हुआ कि बाढ़ के समय उनका पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। गांव की गलियों में पानी भर जाता है, लोग नावों में रहने को मजबूर होते हैं और तंबुओं में आश्रय लेना पड़ता है। सांप, कीड़े-मकोड़े, और मच्छरों का डर तो बना ही रहता है, लेकिन सबसे बड़ी परेशानी होती है समय पर इलाज न मिल पाना।

एक बुजुर्ग महिला ने कहा, “हमारे गांव में हर साल बाढ़ आती है। कोई बीमार पड़ जाए तो अस्पताल तक नहीं पहुंच सकते। ऐसे में अगर एक ढलान वाली सर्विस रोड बन जाए, तो हम कम से कम सड़क तक तो पहुंच सकेंगे।”

नेताओं की चुप्पी, लेकिन समाजसेवक की सक्रियता

गांववाले लगातार प्रशासन और स्थानीय विधायक से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन चौथे दिन तक भी कोई जनप्रतिनिधि मौके पर नहीं पहुंचा। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है।

हालांकि, इस आंदोलन के दौरान समाजसेवी आशीष मंडल लगातार गांव में मौजूद रहे और उन्होंने एक बार फिर लोगों की आवाज को बुलंद किया।उन्होंने कहा, “यह सिर्फ गांववालों की मांग नहीं है, यह उनका अधिकार है। बाढ़ के समय यह रोड उनकी जान बचा सकती है। मैं खुद अधिकारियों से संपर्क कर चुका हूं और हर स्तर पर इनकी बात पहुंचाऊंगा।”

महिलाओं और बच्चों का दर्द, पोस्टर में बयां

हड़ताल में सबसे खास बात यह रही कि महिलाएं ही नहीं, छोटे-छोटे बच्चे भी पोस्टर लेकर सड़क पर बैठे थे। उनके चेहरों पर थकावट थी, लेकिन उम्मीद अभी भी बाकी थी।

एक महिला ने कहा, “हम घर का काम छोड़कर यहां बैठे हैं क्योंकि यह हमारी जिंदगी का सवाल है।”

एक बच्ची ने हाथ में जो पोस्टर पकड़ा था उस पर लिखा था—”हम स्कूल जाना चाहते हैं, हमें रास्ता चाहिए।”

क्या सुनाई देगी इन आवाज़ों की गूंज?

बिहारीपुर के लोग सवाल कर रहे हैं—क्या बाढ़ का पानी बह जाने के बाद ही उनकी आवाजें बह जाएंगी? क्या कोई जनप्रतिनिधि आकर उनका हाल पूछेगा? क्या सर्विस रोड की यह मांग सिर्फ पोस्टरों तक सीमित रह जाएगी?

प्रशासन और सरकार से अपील,आंदोलन जारी रहेगा

गांववालों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। वे शांतिपूर्वक बैठकर भी यह बता रहे हैं कि लोकतंत्र में आवाज उठाना ज़रूरी है—और यह आवाज अब दबने वाली नहीं है।

बिहार से Ayush  Singh की रिपोर्ट

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